Ghazals of Waqar Hilm Syed Naglavi
नाम | वक़ार हिल्म सय्यद नगलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Waqar Hilm Syed Naglavi |
जन्म की तारीख | 1946 |
ज़िंदगी इतनी बे-मज़ा क्यूँ है
ज़हर के घूँट पी रहे हैं हम
मुद्दआ' हासिल मिरा हो कर रहा
मज़ा था हम को जो बुलबुल से दू-बदू करते
लगता है इन दिनों के है महशर-ब-कफ़ हवा
कुएँ जो पानी की बिन प्यास चाह रखते हैं
इक-बटा-दो को करूँ क्यूँ न रक़म दो-बटा-चार
गर्द है ज़र है सीम है ज़र्रा
चश्म-ए-तर है सहाब है क्या है