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रहना तुम चाहे जहाँ ख़बरों में आते रहना - वामिक़ जौनपुरी कविता - Darsaal

रहना तुम चाहे जहाँ ख़बरों में आते रहना

रहना तुम चाहे जहाँ ख़बरों में आते रहना

हम को एहसास-ए-जुदाई से बचाते रहना

ख़ुद-गज़ीदा हूँ बड़ा ज़हर है मेरे अंदर

इस का तिरयाक़ है रातों को जगाते रहना

मुद्दतों बअ'द जो देखोगे तो डर जाओगे

अपने को आइना हर रोज़ दिखाते रहना

ख़ुद-फ़रेबी से हसीं-तर नहीं कोई जज़्बा

ख़ुद जो रहना है तो ये धोका भी खाते रहना

ये तो मालूम है मरने पे मिलेगी उजरत

कार-ए-फ़नकार है तस्वीर बनाते रहना

अपनी ना-अहली पे क़ातिल को न तैश आ जाए

ओछे ज़ख़्मों को ज़रा उस से छुपाते रहना

हारने जीतने से कुछ नहीं होता 'वामिक़'

खेल हर साँस पे है दाँव लगाते रहना

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In Hindi By Famous Poet Wamiq Jaunpuri. is written by Wamiq Jaunpuri. Complete Poem in Hindi by Wamiq Jaunpuri. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.