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दिल अज़ल से मरकज़-ए-आलाम है - वामिक़ जौनपुरी कविता - Darsaal

दिल अज़ल से मरकज़-ए-आलाम है

दिल अज़ल से मरकज़-ए-आलाम है

शीशा-ए-आग़ाज़ में अंजाम है

चश्म-ए-साक़ी का ये सारा काम है

नश्शा-ए-मय मुफ़्त में बदनाम है

बादा-ए-अहमर से ख़ाली जाम है

दिल तो है लेकिन बरा-ए-नाम है

वजह-ए-तस्कीं दिल की धड़कन बन गई

अब हवा चलती है कुछ आराम है

मरहबा ऐ कासा-ए-चर्ख़-ए-कुहन

गर्दिशें जब तक हैं तेरा नाम है

तेरी क़िस्मत ही में ज़ाहिद मय नहीं

शुक्र तो मजबूरियों का नाम है

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In Hindi By Famous Poet Wamiq Jaunpuri. is written by Wamiq Jaunpuri. Complete Poem in Hindi by Wamiq Jaunpuri. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.