उस शख़्स के ग़म का कोई अंदाज़ा लगाए
जिस को कभी रोते हुए देखा न किसी ने
Javed Akhtar
Habib Jalib
Gulzar
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Wasi Shah
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(958) Peoples Rate This
अब नींद कहाँ आँखों में शोला सा भरा है
झुक के जो आप से मिलता होगा
जहालत का मंज़र जो राहों में था
किसी सूरत कोई सूरत निकालो
यूँ तो तन्हाई में घबराए बहुत
वो जो वीरान फिरा करता है