वकील अख़्तर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का वकील अख़्तर
नाम | वकील अख़्तर |
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अंग्रेज़ी नाम | Wakeel Akhtar |
ज़िंदगी दस्त-ए-तह-ए-संग रही है बरसों
मैं नाम-लेवा हूँ तेरा तू मो'तबर कर दे
किवाड़ बंद भी है और नीम-वा भी है
बुझा भी जाए कोई आ के आँधियों की तरह
अपनी ना-कर्दा-गुनाही की सज़ा हो जैसे