ज़ोहरा सुहैल शम्स ख़ुर बद्र बहा तू कौन है
ज़ोहरा सुहैल शम्स ख़ुर बद्र बहा तू कौन है
होश-रुबा सितमगर मह-लक़ा तू कौन है
भूत ख़बीस नाज़नीं गुल परी बला कहूँ
दिल-लगी अच्छी ये नहीं मुझ से हँसा तू कौन है
राग ख़याल गाता है रक़्स ख़ुशी दिखाता है
दूर से क्यूँ रिझाता है पास तो आ तू कौन है
बंद हैं लब जवाब में घिर गया मैं अज़ाब में
आया जो मेरे ख़्वाब में ऐसा बुरा तू कौन है
अब न पयाम-ए-वस्ल दे हिज्र का कौन ग़म सहे
दूर हो दूर हो अरे पास न आ तू कौन है
आया है किस के जैश से बोलता है जो तैश से
महफ़िल-ओ-बज़्म-ए-ऐ'श से दूर हो जा तू कौन है
बोल न 'अख़्तर' अब कभी हट थी ये एक शख़्स की
तरह जो सब से की बुरी ये तो बता तू कौन है
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