सहे ग़म पए रफ़्तगाँ कैसे कैसे
सहे ग़म पए रफ़्तगाँ कैसे कैसे
मिरे खो गए कारवाँ कैसे कैसे
वो चितवन वो अबरू वो क़द याद सब है
सुनाऊँ मैं गुज़रे बयाँ कैसे कैसे
मिरे दाग़-ए-सोजाँ का मज़मूँ न सोचो
जले कह के आतिश-ज़बाँ कैसे कैसे
रहा इश्क़ से नाम मजनूँ का वर्ना
तह-ए-ख़ाक हैं बे-निशाँ कैसे कैसे
शब-ए-वस्ल में मह को उर्यां करेंगे
अयाँ होंगे राज़-ए-निहाँ कैसे कैसे
कमर यार की ना-तवानी में ढूँडी
तवहहुम हुए दरमियाँ कैसे कैसे
कलेजे में 'अख़्तर' फफोले पड़े हैं
मिरे उठ गए क़द्र-दाँ कैसे कैसे
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