Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_dd158420e2dee97a7a80842b22180c13, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ऐ नसीम-ए-सहरी हम तो हवा होते हैं - वाजिद अली शाह अख़्तर कविता - Darsaal

ऐ नसीम-ए-सहरी हम तो हवा होते हैं

ऐ नसीम-ए-सहरी हम तो हवा होते हैं

दम जो घुटता है मोहब्बत में ख़फ़ा होते हैं

हम फ़क़ीराना ग़ज़ल कहते हैं ऐ शाह-ए-जहाँ

ख़ैर हो ख़ैर हो मसरूफ़-ए-दुआ होते हैं

बहर-ए-आलम में ये इंसान हैं मानिंद-ए-हबाब

दम में बनते हैं ये दम-भर में फ़ना होते हैं

हम ग़रीबों को न इस बज़्म से उठवा ऐ बुत

सोहबत-ए-आम में ख़ासान-ए-ख़ुदा होते हैं

हम में और उन में बढ़ा राब्ता 'अख़्तर' इतना

हम पे वो सदक़े हैं हम उन पे फ़िदा होते हैं

(675) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Wajid Ali Shah Akhtar. is written by Wajid Ali Shah Akhtar. Complete Poem in Hindi by Wajid Ali Shah Akhtar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.