वजद चुगताई कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का वजद चुगताई
नाम | वजद चुगताई |
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अंग्रेज़ी नाम | Wajd Chughtai |
साए ने साए को सदा दी
रात क़ातिल की गली हो जैसे
ना-मुरादी ही लिखी थी सो वो पूरी हो गई
लगाएँ आग ही दिल में कि कुछ उजाला हो
कौन ये रौशनी को समझाए
फ़ज़ा में दाएरे बिखरे हुए हैं
दुनिया अपनी मंज़िल पहुँची तुम घर में बेज़ार पड़े
देखने में ये काँच का घर है
चाहतों की जो दिल को आदत है
आप ही अपना मैं दुश्मन हो गया