कठिन है काम तो हिम्मत से काम ले ऐ दिल
बिगाड़ काम न मुश्किल समझ के मुश्किल को
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चला जाता है कारवान-ए-नफ़स
दोनों ने बढ़ाई रौनक़-ए-हुस्न
ज़ब्त की कोशिश है जान-ए-ना-तवाँ मुश्किल में है
लुत्फ़-ए-निहाँ से जब जब वो मुस्कुरा दिए हैं
जो गिरफ़्तार तुम्हारा है वही है आज़ाद
बे-समझे न जाम-ए-ग़म पिया था मैं ने
दिल तोड़ दिया तुम ने मेरा अब जोड़ चुके तुम टूटे को
मेहनत हो मुसीबत हो सितम हो तो मज़ा है
नहीं मुमकिन लब-ए-आशिक़ से हर्फ़-ए-मुद्दआ निकले
जो तुझ से शोर-ए-तबस्सुम ज़रा कमी होगी
तिरे आशुफ़्ता से क्या हाल-ए-बेताबी बयाँ होगा
दर्द आ के बढ़ा दो दिल का तुम ये काम तुम्हें क्या मुश्किल है