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हमेशा ख़ून-ए-शहीदाँ के रंग से आबाद - वहीद क़ुरैशी कविता - Darsaal

हमेशा ख़ून-ए-शहीदाँ के रंग से आबाद

हमेशा ख़ून-ए-शहीदाँ के रंग से आबाद

ये कर्बला-ए-मुअल्ला ये बसरा ओ बग़दाद

जहाँ को फिर से नवेद-ए-बहार देते हैं

अबू-ग़रीब की जेलों के कुछ सितम-ईजाद

हयात-ओ-मर्ग के सब मरहले तमाम हुए

कफ़न लपेट के निकले हैं हरचे-बाद-अबाद

पुरानी बस्तियाँ सब ख़ाक-ओ-ख़ूँ में ग़लताँ हैं

''करेंगे अहल-ए-नज़र ताज़ा बस्तियाँ आबाद''

लबों पे ख़ैर के नारे हैं और कुछ भी नहीं

दिलों में जाग रहा है ज़मीर-ए-इब्न-ए-ज़ियाद

इराक़ ख़ून-ए-शहीदाँ से सुर्ख़-रू होगा

बमों के ढेर हैं लॉंचर हैं तेशा-ए-फ़रहाद

पहुँच गए हैं हम ऐसे दयार में कि 'वहीद'

जहाँ गुनाह तो लाज़िम है नेकियाँ बर्बाद

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In Hindi By Famous Poet Waheed Quraishi. is written by Waheed Quraishi. Complete Poem in Hindi by Waheed Quraishi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.