Ghazals of Waheed Quraishi
नाम | वहीद क़ुरैशी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Waheed Quraishi |
ज़माने फिर नए साँचे में ढलने वाला है
कोई न चाहने वाला था हुस्न-ए-रुस्वा का
जिधर निगाह उठी खिंच गई नई दीवार
हमेशा ख़ून-ए-शहीदाँ के रंग से आबाद
ग़म के हाथों शुक्र-ए-ख़ुदा है इश्क़ का चर्चा आम नहीं