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Vikas Sharma Raaz Poetry In Hindi - Best Vikas Sharma Raaz Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

विकास शर्मा राज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का विकास शर्मा राज़

विकास शर्मा राज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का विकास शर्मा राज़
नामविकास शर्मा राज़
अंग्रेज़ी नामVikas Sharma Raaz
जन्म की तारीख1973
जन्म स्थानHaryana

ज़िंदगी की हँसी उड़ाती हुई

ये सदा काश उसी ने दी हो

यहाँ तक कर लिया मसरूफ़ ख़ुद को

उसे छुआ ही नहीं जो मिरी किताब में था

तू भी नाराज़ बहुत है मुझ से

तन्हा होता हूँ तो मर जाता हूँ मैं

रोज़ ये ख़्वाब डराता है मुझे

रफ़्ता रफ़्ता क़ुबूल होंगे उसे

मुझ को अक्सर उदास करती है

मुद्दतें हो गईं हिसाब किए

मोहब्बत के आदाब सीखो ज़रा

मिरी उरूज की लिक्खी थी दास्ताँ जिस में

मेरी कोशिश तो यही है कि ये मा'सूम रहे

में अदम की पनाह-गाह में हूँ

मैं तो किसी जुलूस में गया नहीं

लफ़्ज़ की क़ैद-ओ-रिहाई का हुनर

कौन तहलील हुआ है मुझ में

जिसे देखो ग़ज़ल पहने हुए है

जिन का सूझा न कुछ जवाब हमें

इश्क़ बीनाई बढ़ा देता है

इरादा तो नहीं है ख़ुद-कुशी का

हमारे दरमियाँ जो उठ रही थी

घर में वही पीली तन्हाई रहती है

फ़क़त ज़ंजीर बदली जा रही थी

एक किरन फिर मुझ को वापस खींच गई

एक बरस और बीत गया

देखना चाहता हूँ गुम हो कर

देखना चाहता हूँ गुम हो कर

दश्त की ख़ाक भी छानी है

बला का हब्स था पर नींद टूटती ही न थी

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