इश्क़ ने बरबाद कर दी ज़िंदगी हाए रे इश्क़

इश्क़ ने बरबाद कर दी ज़िंदगी हाए रे इश्क़

कम हुई फिर भी न उस की दिल-कशी हाए रे इश्क़

तैरता ग़म के समुंदर में हो जैसे कोई शख़्स

और मुट्ठी में हो उस की हर ख़ुशी हाए रे इश्क़

एक दिल आशिक़ का है और तंज़ के सौ तीर हैं

फिर भी होंटों पर है उस की इक हँसी हाए रे इश्क़

धूप ख़ुशियों की है बे-शक हर तरफ़ फैली हुई

आँख आशिक़ की है फिर भी शबनमी हाए रे इश्क़

हाँ मुझे भी तुम से उल्फ़त है ये सुनने के लिए

ऐ 'अरूण' इक उम्र मैं ने काट दी हाए रे इश्क़

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In Hindi By Famous Poet Vijay Arun. is written by Vijay Arun. Complete Poem in Hindi by Vijay Arun. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.