तुम
आओ एक रात कि पहन लूँ तुम्हें
अपने तन पर लिबास की मानिंद
तुम को सीने पे रख के सो जाऊँ
आसमानी किताब की मानिंद
और तिरे हर्फ़ जान-ए-जाँ ऐसे
फिर मिरी रूह में उतर जाएँ
जैसे पैग़म्बरों के सीने पर
कोई सच्ची वही उतरती है
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आओ एक रात कि पहन लूँ तुम्हें
अपने तन पर लिबास की मानिंद
तुम को सीने पे रख के सो जाऊँ
आसमानी किताब की मानिंद
और तिरे हर्फ़ जान-ए-जाँ ऐसे
फिर मिरी रूह में उतर जाएँ
जैसे पैग़म्बरों के सीने पर
कोई सच्ची वही उतरती है
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