Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_c4d95e591721e0354605a53012af578d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
निफ़ाक़ - उरूज क़ादरी कविता - Darsaal

निफ़ाक़

निफ़ाक़ से ख़ुदा बचाए रोग ये शदीद है

बला-ए-जान आदमी निशान-ए-बुज़-दिली है ये

ज़वाल-ए-आदमी है ये वबाल-ए-आदमी है ये

अगर कहूँ दुरुस्त है कि मर्ग-ए-आदमी है ये

ये गंदगी का ढेर है ग़िलाफ़ में ढका छुपा

ये ख़ौफ़नाक ज़हर है मिठास में मिला-जुला

वबा-ए-हौल-नाक है बला-ए-हौल-नाक है

ये चलती फिरती आग है दयार ओ मुल्क ओ शहर में

निफ़ाक़ से ख़ुदा बचाए रोग ये ख़बीस है

लिबास-ए-जिस्म-ए-आदमी में कोढ़ है छुपा हुआ

मुनाफ़िक़ों की ख़स्लतें अजीब हैं ग़रीब हैं

ज़बाँ पे कुछ है दिल में कुछ कहेंगे कुछ करेंगे कुछ

ज़बाँ पे दोस्ती का राग आस्तीन में छुरी

दिलों में बुग़्ज़ है भरा मगर लबों पे है हँसी

ज़बान पर ख़ुदा की रट दिलों में फ़िक्र-ए-शैतनत

ये अपने आप हैं ख़ुदा ग़रज़ को पूजते हैं ये

ये नफ़्स के ग़ुलाम हैं मफ़ाद के ग़ुलाम हैं

ये अपने आप मुक़तदी ये अपने ख़ुद इमाम हैं

(728) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Urooj Qadri. is written by Urooj Qadri. Complete Poem in Hindi by Urooj Qadri. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.