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Unwan Chishti Poetry In Hindi - Best Unwan Chishti Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

उनवान चिश्ती कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का उनवान चिश्ती

उनवान चिश्ती कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का उनवान चिश्ती
नामउनवान चिश्ती
अंग्रेज़ी नामUnwan Chishti
जन्म की तारीख1937
मौत की तिथि2004
जन्म स्थानDelhi

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए

परेशाँ हो के दिल तर्क-ए-तअल्लुक़ पर है आमादा

मिरी समझ में आ गया हर एक राज़-ए-ज़िंदगी

मैं किस तरह तुझे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई दूँ

कुछ तो बताओ ऐ फ़रज़ानो दीवानों पर क्या गुज़री

इश्क़ फिर इश्क़ है आशुफ़्ता-सरी माँगे है

इस कार-ए-नुमायाँ के शाहिद हैं चमन वाले

हुस्न ही तो नहीं बेताब-ए-नुमाइश 'उनवाँ'

आप से चूक हो गई शायद

ज़िंदाबाद ऐ दश्त के मंज़र ज़िंदाबाद

वो मुस्कुरा के मोहब्बत से जब भी मिलते हैं

तअ'स्सुब की फ़ज़ा में ता'ना-ए-किरदार क्या देता

सारी दुनिया में दाना है अपने घर में कुछ भी नहीं

रहने दे तकलीफ़-ए-तवज्जोह दिल को है आराम बहुत

रात कई आवारा सपने आँखों में लहराए थे

मिरे शानों पे उन की ज़ुल्फ़ लहराई तो क्या होगा

किसी के फ़ैज़-ए-क़ुर्ब से हयात अब सँवर गई

कहते हैं अज़ल जिस को उस से भी कहीं पहले

जब ज़ुल्फ़ शरीर हो गई है

इश्क़ फिर इश्क़ है आशुफ़्ता-सरी माँगे है

हुस्न से आँख लड़ी हो जैसे

बच्चे भी अब देख के उस को हँसते हैं

आज अचानक फिर ये कैसी ख़ुशबू फैली यादों की

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