चार गंजे एक दावत में जमा जब हो गए
चार गंजे एक दावत में जमा जब हो गए
उन की चँदयाओं के आगे रौशनी थी माँद माँद
लौट कर जाने लगे तो मेज़बाँ ने यूँ कहा
आप के आने से महफ़िल में लगे थे चार चाँद
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चार गंजे एक दावत में जमा जब हो गए
उन की चँदयाओं के आगे रौशनी थी माँद माँद
लौट कर जाने लगे तो मेज़बाँ ने यूँ कहा
आप के आने से महफ़िल में लगे थे चार चाँद
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