अज्ञात कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अज्ञात
नाम | अज्ञात |
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अंग्रेज़ी नाम | Unknown |
यूज़ करते हैं मुसलसल मेक-अप का डब्बा रोज़ क्यूँ
तुम रंग हो तुम नूर हो तुम शीशा हो तुम जाम
क्या बूद-ओ-बाश पूछो हो पूरब के साकिनो
कभी नर्मी कभी सख़्ती कभी उलझन कभी डर
चार गंजे एक दावत में जमा जब हो गए