हम तिरा अहद-ए-मोहब्बत ठहरे
हम तिरा अहद-ए-मोहब्बत ठहरे
लौह-ए-निस्याँ की जसारत ठहरे
दिल लहू कर के ये क़िस्मत ठहरे
संग फ़नकार की उजरत ठहरे
मक़्तल-ए-जाँ की ज़रूरत ठहरे
हम कि शायान-ए-मोहब्बत ठहरे
क्या क़यामत है वो क़ातिल मुझ में
मेरे एहसास की सूरत ठहरे
वक़्त के दजला-ए-तूफ़ानी में
आप हम मौजा-ए-उज्लत ठहरे
दोस्ती ये है कि ख़ुश्बू के लिए
रंग ज़िंदानी-ए-सूरत ठहरे
तू है ख़ुर्शीद न मैं हूँ शबनम
क्या मुलाक़ात की सूरत ठहरे
उफ़ ये गुज़रे हुए लम्हों का हुजूम
दर-ओ-दीवार क़यामत ठहरे
कूचा-गर्दान-ए-जुनूँ मिस्ल-ए-सबा
ज़ुल्फ़-ए-आवारा की क़िस्मत ठहरे
इश्क़ में मंज़िल आराम भी थी
हम सर-ए-कूचा-ए-वहशत ठहरे
जब से 'उम्मीद' गया है कोई!!
लम्हे सदियों की अलामत ठहरे
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