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इक बहाना है तुझे याद किए जाने का - तुफ़ैल बिस्मिल कविता - Darsaal

इक बहाना है तुझे याद किए जाने का

इक बहाना है तुझे याद किए जाने का

कब सलीक़ा है मुझे वर्ना ग़ज़ल गाने का

फिर से बिखरी है तिरी ज़ुल्फ़ मिरे शानों पर

वक़्त आया है गए वक़्त को लौटाने का

जिस की ताबीर अता कर दे मुझे वो ज़ुल्फ़ें

कौन कहता है कि वो ख़्वाब है दीवाने का

पीने वाले तो तुझे आँख से पी लेते हैं

वो तकल्लुफ़ ही नहीं करते हैं पैमाने का

किस क़दर हाथ यहाँ साफ़ नज़र आते हैं

फ़ैज़ कितना है तिरे शहर पे दस्ताने का

आप तो शेर में मफ़्हूम की सूरत होते

लफ़्ज़ होता जो कोई आप को पहनाने का

इस कड़ी धूप में हम वर्ना तो जल जाएँगे

वक़्त 'बिस्मिल' है यही ज़ुल्फ़ को लहराने का

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In Hindi By Famous Poet Tufail Bismil. is written by Tufail Bismil. Complete Poem in Hindi by Tufail Bismil. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.