Ghazals of Tripurari
नाम | त्रिपुरारि |
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अंग्रेज़ी नाम | Tripurari |
जन्म की तारीख | 1986 |
जन्म स्थान | Mumbai |
ज़िंदगानी का कोई बाब समझ लो लड़की
वो तो मिल कर भी नहीं मिलती है
उस ने ख़ुद फ़ोन पे ये मुझ से कहा अच्छा था
तजरबा जो भी है मेरा मैं वही लिखता हूँ
पुरानी चोट मैं कैसे दिखाऊँ
न जाने क्या कमी थी चाहतों में
मोहब्बत में शिकायत कर रहा हूँ
मैं ख़ुद अपना लहू पीने लगा हूँ
कभी किसी ने जो दिल दुखाया तो दिल को समझा गई उदासी
जाने फिर उस के दिल में क्या बात आ गई थी
इस तरह रस्म मोहब्बत की अदा होती है
भाड़े का इक मकाँ हूँ मुझ को ख़बर नहीं है
अश्क-दर-अश्क वही लोग रवाँ मिलते हैं