Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9b0edb090f69f0f42717d8c124de2862, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
बे-क़रारी सी बे-क़रारी है - तौसीफ ताबिश कविता - Darsaal

बे-क़रारी सी बे-क़रारी है

बे-क़रारी सी बे-क़रारी है

अब यही ज़िंदगी हमारी है

मैं ने उस को पिछाड़ना है मियाँ

मेरी साए से जंग जारी है

इश्क़ करना भी लाज़मी है मगर

मुझ पे घर की भी ज़िम्मेदारी है

प्यार है मुझ को ज़िंदगी से बहुत

और तू ज़िंदगी से प्यारी है

मैं कभी ख़ुद को छोड़ता ही नहीं

मेरी ख़ुद से अलग सी यारी है

शहर का शहर सो गया 'ताबिश'

अब मिरे जागने की बारी है

(1061) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Tousief Tabish. is written by Tousief Tabish. Complete Poem in Hindi by Tousief Tabish. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.