समय Poetry (page 45)

मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त

ग़ालिब

काफ़ी है निशानी तिरा छल्ले का न देना

ग़ालिब

दम लिया था न क़यामत ने हनूज़

ग़ालिब

शबनम ब-गुल-ए-लाला न ख़ाली ज़-अदा है

ग़ालिब

फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया

ग़ालिब

फिर हुआ वक़्त कि हो बाल-कुशा मौज-ए-शराब

ग़ालिब

पा-ब-दामन हो रहा हूँ बस-कि मैं सहरा-नवर्द

ग़ालिब

मुज़्दा ऐ ज़ौक़-ए-असीरी कि नज़र आता है

ग़ालिब

मुँद गईं खोलते ही खोलते आँखें 'ग़ालिब'

ग़ालिब

मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त

ग़ालिब

मस्जिद के ज़ेर-ए-साया ख़राबात चाहिए

ग़ालिब

महरम नहीं है तू ही नवा-हा-ए-राज़ का

ग़ालिब

लताफ़त बे-कसाफ़त जल्वा पैदा कर नहीं सकती

ग़ालिब

जिस जा नसीम शाना-कश-ए-ज़ुल्फ़-ए-यार है

ग़ालिब

जादा-ए-रह ख़ुर को वक़्त-ए-शाम है तार-ए-शुआअ'

ग़ालिब

ग़ुंचा-ए-ना-शगुफ़्ता को दूर से मत दिखा कि यूँ

ग़ालिब

एक जा हर्फ़-ए-वफ़ा लिखा था सो भी मिट गया

ग़ालिब

अफ़्सोस कि दंदाँ का किया रिज़्क़ फ़लक ने

ग़ालिब

आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए

ग़ालिब

किराया-दार

गीताञ्जलि राय

इतवार की दोपहर

गीताञ्जलि राय

लम्हा गुज़र गया है कि अर्सा गुज़र गया

गौतम राजऋषि

ज़ौक़-ए-नज़र को जल्वा-ए-बेताब ले गया

फ़ितरत अंसारी

निगाह-ए-हुस्न की तासीर बन गया शायद

फ़ितरत अंसारी

बा'द मुद्दत के ख़याल-ए-मय-ओ-मीना आया

फ़ितरत अंसारी

ये सच नहीं कि तमाज़त से डर गई है नदी

फ़िरदौस गयावी

परछाइयाँ

फ़िराक़ गोरखपुरी

जुगनू

फ़िराक़ गोरखपुरी

जुदाई

फ़िराक़ गोरखपुरी

हिण्डोला

फ़िराक़ गोरखपुरी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.