Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4b2ef0e96410a235a8aa78d05125537f, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Collection: शायद Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

शायद Poetry

ज़मीन मेरी रहेगी न आइना मेरा

ग़ुलाम हुसैन साजिद

मिरी याद तुम को भी आती तो होगी

क़लील झांसवी

दूसरा जन्म

बलराज कोमल

चले हैं साथ हम अंजान हो कर

फ़रह शाहिद

हिजरत

नादिया अंबर लोधी

रिवायती मोहब्बत

ममता तिवारी

इन्नोसेंस

फ़ाख़िरा बतूल

वही मैं हूँ वही मेरी कहानी है

मोईन निज़ामी

सीने में दिल जो दर्द का मारा नहीं मिला

अहमद फ़ाख़िर

कैसी उफ़्ताद पड़ी

फ़ैसल हाश्मी

सुकून

हरबंस मुखिया

मसीहा

फ़ाख़िरा बतूल

मुर्ग़-ए-मरहूम

असद जाफ़री

एस-एम-एस

इमरान शनावर

इश्क़-आबाद की शाम

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

लहु में उतरता हुआ मौसम

वो भी शायद रो पड़े वीरान काग़ज़ देख कर

ज़ुहूर नज़र

दीपक-राग है चाहत अपनी काहे सुनाएँ तुम्हें

ज़ुहूर नज़र

छोड़ कर दिल में गई वहशी हवा कुछ भी नहीं

ज़ुहूर नज़र

भूली-बिसरी हुई यादों में कसक है कितनी

ज़ुबैर रिज़वी

जब भी तुझे देखा किसी बोहरान में देखा

ज़ियाउल हक़ क़ासमी

कितने इम्काँ थे जो ख़्वाबों के सहारे देखे

ज़िया जालंधरी

आँखों में निहाँ है जो मुनाजात वो तुम हो

ज़िया जालंधरी

आज ही महफ़िल सर्द पड़ी है आज ही दर्द फ़रावाँ है

ज़िया जालंधरी

यूँ हसरतों की गर्द में था दिल अटा हुआ

ज़िया फ़तेहाबादी

शाम का पहला तारा (2)

ज़ेहरा निगाह

शाम का पहला तारा

ज़ेहरा निगाह

अब तो कुछ ऐसा लगता है

ज़ेहरा निगाह

अब तो ये शायद किसी भी काम आ सकता नहीं

ज़ीशान साहिल

सफ़ेद ख़रगोश की गेंद

ज़ीशान साहिल

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.