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Collection: रात Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

रात Poetry

उसे समझा-बुझा के हम तो हारे

फ़र्रुख़ जाफ़री

जो पहले ज़रा सी नवाज़िश करे है

फ़ारूक़ रहमान

विसाल

बलराज कोमल

हिज्र

अज़ीमुद्दीन अहमद

रंग जो ख़ुश्बू न था

बलराज कोमल

कुछ ऐसे वस्ल की रातें गुज़ारी है मैं ने

अमित सतपाल तनवर

देखते ही धड़कनें सारी परेशाँ हो गईं

एहतिमाम सादिक़

बाज़-गश्त

अर्श सिद्दीक़ी

सलाम लोगो

हबीब जालिब

वही मैं हूँ वही मेरी कहानी है

मोईन निज़ामी

हक़ीक़त है कि नन्हा सा दिया हूँ

वलीउल्लाह वली

जब से पड़ी है उन से मुलाक़ात की तरह

अनवर अंजुम

हर मुलाक़ात में लगते हैं वो बेगाने से

ए जी जोश

किस को होगा तिरे आने का पता मेरे बा'द

महमूद शाम

प्यार के खट्टे-मीठे नामे वो लिखती है मैं पढ़ता हूँ

बशीर दादा

कोई चराग़ न जुगनू सफ़र में रक्खा गया

वफ़ा नक़वी

राब्ता टूट न जाए कहीं ख़ुद-बीनी से

असरार ज़ैदी

चाँद तारे जिसे हर शब देखें

अनवर अंजुम

रोने वालों ने तिरे ग़म को सराहा ही नहीं

बिमल कृष्ण अश्क

अफ़्सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है

हबीब जालिब

बे-बसर आफ़ात से तकलीफ़ होती है मुझे

बशीर दादा

मौसम हो कोई याद के खे़मे नहीं उठते

वफ़ा नक़वी

अपना सोचा हुआ अगर हो जाए

अहमद महफ़ूज़

बंद हथेली में हैं सब

बीना गोइंदी

ख़ुश-शनासी का सिला कर्ब का सहरा हूँ मैं

अब्दुल्लाह कमाल

ख़्वाबों ख़यालों की अप्सरा

दौर आफ़रीदी

बेचैनी

दौर आफ़रीदी

ऐ लाहौर

जीलानी कामरान

गाँधी के बा'द

इज़हार मलीहाबादी

दूर का सफ़र

बलराज कोमल

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