सहर Poetry (page 12)

अजनबी शहर में उल्फ़त की नज़र को तरसे

शाइस्ता मुफ़्ती

शाम को सुब्ह से ताबीर करो तुम लेकिन

शाइक़ मुज़फ़्फ़रपुरी

नज़र में बंद करे है तू एक आलम को

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम

रखता हूँ मैं हक़ पर नज़र कोई कुछ कहो कोई कुछ कहो

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम

जब आप से ही गुज़र गए हम

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम

रदीफ़ क़ाफ़िया बंदिश ख़याल लफ़्ज़-गरी

शहज़ाद क़ैस

कितनी बे-नूर थी दिन भर नज़र-ए-परवाना

शहज़ाद अहमद

ख़ुद ही मिल बैठे हो ये कैसी शनासाई हुई

शहज़ाद अहमद

हिज्र की रात मिरी जाँ पे बनी हो जैसे

शहज़ाद अहमद

अक़्ल हर बात पे हैराँ है इसे क्या कहिए

शहज़ाद अहमद

नफ़ी से इसबात तक

शहरयार

ख़ुदा से

शहराम सर्मदी

जब तुम मुझ से मिलने आओ

शहराम सर्मदी

मान-सरोवर

शहनाज़ नबी

हर किसी ख़्वाब के चेहरे पे लिखूँ नाम तिरा

शहनवाज़ ज़ैदी

हर मरहले से यूँ तो गुज़र जाएगी ये शाम

शाहिद माहुली

बाम-ओ-दर टूट गए बह गया पानी कितना

शाहिद माहुली

बाज़ार

शाहिद अख़्तर

रंग-ए-नज़र से हुस्न-ए-तमन्ना निखार के

शाहीन सिद्दीक़ी

हम पे जिस तौर भी तुम चाहो नज़र कर देखो

शाहीन ग़ाज़ीपुरी

गरमी-ए-पहलू-ए-दिलदार ने सोने न दिया

शहबाज़ नदीम ज़ियाई

दयार-ए-शाम न बुर्ज-ए-सहर में रौशन हूँ

शहबाज़ नदीम ज़ियाई

ज़िंदगी शब के जज़ीरों से उधर ढूँडते हैं

शहबाज़ ख़्वाजा

ये ज़र्द फूल ये काग़ज़ पे हर्फ़ गीले से

शहबाज़ ख़्वाजा

किसी ने देख लिया था जो साथ चलते हुए

शहबाज़ ख़्वाजा

उफ़क़ पे

शहाब सर्मदी

था बाम-ए-फ़लक ख़ाक-बसर आने लगा हूँ

शहाब सफ़दर

रुत्बा-ए-दर्द को जब अपना हुनर पहुँचेगा

शहाब जाफ़री

'मीर'-ओ-'ग़ालिब' की तरह सेहर-बयाँ से निकले

शहाब अख़्तर

गर्दिश-ए-चर्ख़ नहीं कम भी हंडोले से कि महर

शाह नसीर

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.