सहर Poetry (page 11)

कनार-ए-बहर है देखूँगा मौज-ए-आब में साँप

शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी

ख़ुश-कुन ख़बर के धोके में रक्खा गया मुझे

शमशीर हैदर

ग़म दिए हैं तो मसर्रत के गुहर भी देना

शम्स रम्ज़ी

मंज़िल-ए-इश्क़ के राहबर खो गए

शम्स फ़र्रुख़ाबादी

चाँद तारों ने भी जब रख़्त-ए-सफ़र खोला है

शम्स फ़र्रुख़ाबादी

रौशनी तेज़ करो

शमीम करहानी

याद की सुब्ह ढल गई शौक़ की शाम हो गई

शमीम करहानी

शराब ओ शेर के साँचे में ढल के आई है

शमीम करहानी

सहर को दे के नई निकहत-ए-हयात गई

शमीम करहानी

निकल पड़े हैं सनम रात के शिवाले से

शमीम करहानी

मुझे दैर से तअल्लुक़ न हरम से आश्नाई

शमीम करहानी

ख़मोश किस लिए बैठे हो चश्म-ए-तर क्यूँ हो

शमीम करहानी

कौन है दर्द-आश्ना संग-दिली का दौर है

शमीम करहानी

चमन लहक के रह गया घटा मचल के रह गई

शमीम करहानी

आज मेरी शब-ए-फ़ुर्क़त की सहर आई है

शमीम जयपुरी

ऐसे कई सवाल हैं जिन का जवाब कुछ नहीं

शमीम हनफ़ी

ये किस का जल्वा-ए-हैरत-फ़ज़ा निगाह में है

शकूर जावेद

नई सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है

शकील बदायुनी

ज़लज़ला

शकील बदायुनी

रक़्क़ासा-ए-हयात से

शकील बदायुनी

मुझे भूल जा

शकील बदायुनी

कहाँ है आ जा

शकील बदायुनी

तुम ने ये क्या सितम किया ज़ब्त से काम ले लिया

शकील बदायुनी

ग़म-ए-आशिक़ी से कह दो रह-ए-आम तक न पहुँचे

शकील बदायुनी

दिल में किसी ख़लिश का गुज़र चाहता हूँ मैं

शकील बदायुनी

बीत गया हंगाम-ए-क़यामत रोज़-ए-क़यामत आज भी है

शकील बदायुनी

बेकार गई आड़ तिरे पर्दा-ए-दर की

शकील बदायुनी

शफ़क़ जो रू-ए-सहर पर गुलाल मलने लगी

शकेब जलाली

पर्दा-ए-शब की ओट में ज़ोहरा-जमाल खो गए

शकेब जलाली

ख़्वाब-ए-गुल-रंग के अंजाम पे रोना आया

शकेब जलाली

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.