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Collection: सामने Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

सामने Poetry

सुल्तान अख़्तर पटना के नाम

रज़ा नक़वी वाही

शम्अ'

मुबश्शिर अली ज़ैदी

रंग के गहरे थे लेकिन दूर से अच्छे लगे

आज़ाद हुसैन आज़ाद

इन्नोसेंस

फ़ाख़िरा बतूल

इक़रार

इमरान शनावर

गुज़़रेंगे तेरे दौर से जो कुछ भी हाल हो

अंजुम फ़ौक़ी बदायूनी

पहले-पहल लड़ेंगे तमस्ख़ुर उड़ाएँगे

अली ज़रयून

था जो मेरे ज़ौक़ का सामान आधा रह गया

अहमद अली बर्क़ी आज़मी

देख कर वहशत निगाहों की ज़बाँ बेचैन है

गौतम राजऋषि

आख़िर हम ने तौर पुराना छोड़ दिया

अर्श सिद्दीक़ी

एंज़ाइटी

काशिफ़ रफ़ीक़

ख़रगोश का ग़म

बलराज कोमल

मौसम

बलराज कोमल

मुग़ल की कार

असद जाफ़री

इश्क़-आबाद की शाम

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

आईने के सामने

नज़र से छुप गए दिल से जुदा तो होना था

पेड़ों से बात-चीत ज़रा कर रहे हैं हम

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

कभी ख़ुशबू कभी आवाज़ बन जाना पड़ेगा

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

जीने की है उमीद न मरने की आस है

ज़ुहैर कंजाही

जबीं से नाख़ुन-ए-पा तक दिखाई क्यूँ नहीं देता

ज़ुबैर शिफ़ाई

तमाम रास्ता फूलों भरा तुम्हारा था

ज़ुबैर रिज़वी

मिरे रोब में तो वो आ गया मिरे सामने तो वो झुक गया

ज़ियाउल हक़ क़ासमी

मैं शिकार हूँ किसी और का मुझे मारता कोई और है

ज़ियाउल हक़ क़ासमी

शजर जलते हैं शाख़ें जल रही हैं

ज़िया जालंधरी

आँखों में निहाँ है जो मुनाजात वो तुम हो

ज़िया जालंधरी

ज़ेहरा ने बहुत दिन से कुछ भी नहीं लिक्खा है

ज़ेहरा निगाह

जो वो नहीं था तो मैं मुत्तफ़िक़ था लोगों से

ज़ीशान साहिल

सूरा-ए-फ़ातिहा

ज़ीशान साहिल

नींद

ज़ीशान साहिल

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