Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7e2c9aa34cce240a457af8151c24e238, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Collection: सागर Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 23 - Darsaal

सागर Poetry (page 23)

तूफ़ान समुंदर के न दरिया के भँवर देख

गुहर खैराबादी

मैं ग़र्क़ वहाँ प्यास के पैकर की तरह था

गुहर खैराबादी

शेर जब खुलता है खुलते हैं मआनी क्या क्या

गोविन्द गुलशन

दिल में ये एक डर है बराबर बना हुआ

गोविन्द गुलशन

ये लोग किस की तरफ़ देखते हैं हसरत से

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

किसी ने भेज कर काग़ज़ की कश्ती

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

वही साहिल वही मंजधार मुझ को

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

उबल पड़ा यक-ब-यक समुंदर तो मैं ने देखा

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

ताबीरों से बंद क़बा-ए-ख़्वाब खुले

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

मिरी सिफ़ात का जब उस ने ए'तिराफ़ किया

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

ज़ेहन में दाएरे से बनाता रहा दूर ही दूर से मुस्कुराता रहा

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

वादे यख़-बस्ता कमरों के अंदर गिरते हैं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

गुलाबों के नशेमन से मिरे महबूब के सर तक

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

आफ़ाक़ में फैले हुए मंज़र से निकल कर

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

उफ़ुक़ से आग उतर आई है मिरे घर भी

ग़ुलाम हुसैन साजिद

जहाँ भर में मिरे दिल सा कोई घर हो नहीं सकता

ग़ुलाम हुसैन साजिद

एक घर अपने लिए तय्यार करना है मुझे

ग़ुलाम हुसैन साजिद

ज़ीस्त का ख़ाली कटोरा आप ही भर जाएगा

ग़ुलाम हुसैन अयाज़

अजब था ज़ोम कि बज़्म-ए-अज़ा सजाएँगे

ग़ुफ़रान अमजद

हम कि साहिल के तसव्वुर से सहम जाते हैं

ग़ज़नफ़र

सजा के ज़ेहन में कितने ही ख़्वाब सोए थे

ग़ज़नफ़र

दर्द की कौन सी मंज़िल से गुज़रते होंगे

ग़ज़नफ़र

अपनी नज़र में भी तो वो अपना नहीं रहा

ग़ज़नफ़र

ज़मीं के साथ फ़लक के सफ़र में हम भी हैं

ग़यास मतीन

ख़्वाब आँखों की गली छोड़ के जाने निकले

ग़यास मतीन

आँख की पुतली में सूरज सर में कुछ सौदा उगा

ग़यास मतीन

ग़ुरूर-ए-नाज़ दिखा तुझ में कितना जौहर है

ग़ौस मोहम्मद ग़ौसी

कोई हमराह नहीं राह की मुश्किल के सिवा

ग़नी एजाज़

अल्फ़ाज़-ए-बे-सदा का इम्कान आइने में

ग़ालिब इरफ़ान

तू दोस्त किसू का भी सितमगर न हुआ था

ग़ालिब

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.