Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_311670e810748335e133effd968dc3d0, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Collection: साथ Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 43 - Darsaal

साथ Poetry (page 43)

फूल खिलते हैं तालाब में तारा होता

रम्ज़ी असीम

दश्त की प्यास किसी तौर बुझाई जाती

रम्ज़ी असीम

कुछ इस अदा से सफ़ीरान-ए-नौ-बहार चले

रम्ज़ अज़ीमाबादी

रख लिया बार-ए-अमानत सर पे बे-ख़ौफ़ी के साथ

रम्ज़ आफ़ाक़ी

ज़रा ज़रा सी बात पर वो मुझ से बद-गुमाँ रहे

रमेश कँवल

कभी बुलाओ, कभी मेरे घर भी आया करो

रमेश कँवल

रूह में घोर अंधेरे को उतरने न दिया

राम रियाज़

मुझे कैफ़-ए-हिज्र अज़ीज़ है तू ज़र-ए-विसाल समेट ले

राम रियाज़

इस डर से इशारा न किया होंट न खोले

राम रियाज़

दिल में तो बहुत कुछ है ज़बाँ तक नहीं आता

राम रियाज़

आँखों में तेज़ धूप के नेज़े गड़े रहे

राम रियाज़

साए से हौसले के बिदकते हैं रास्ते

राम प्रकाश राही

चराग़ बुझने लगे और छाई तारीकी

राकिब मुख़्तार

पहले ये जिस्म जलाया जाए

रजनीश सचन

इधर की आवाज़ इस तरफ़ है

राजेन्द्र मनचंदा बानी

तीरगी बला की है मैं कोई सदा लगाऊँ

राजेन्द्र मनचंदा बानी

रही न यारो आख़िर सकत हवाओं में

राजेन्द्र मनचंदा बानी

क़दम ज़मीं पे न थे राह हम बदलते क्या

राजेन्द्र मनचंदा बानी

पी चुके थे ज़हर-ए-ग़म ख़स्ता-जाँ पड़े थे हम चैन था

राजेन्द्र मनचंदा बानी

फिर वही तू साथ मेरे फिर वही बस्ती पुरानी

राजेन्द्र मनचंदा बानी

न मंज़िलें थीं न कुछ दिल में था न सर में था

राजेन्द्र मनचंदा बानी

न जाने कल हों कहाँ साथ अब हवा के हैं

राजेन्द्र मनचंदा बानी

मिरे बदन में पिघलता हुआ सा कुछ तो है

राजेन्द्र मनचंदा बानी

कहाँ तलाश करूँ अब उफ़ुक़ कहानी का

राजेन्द्र मनचंदा बानी

इधर की आएगी इक रौ उधर की आएगी

राजेन्द्र मनचंदा बानी

गुज़र रहा हूँ सियह अंधे फ़ासलों से मैं

राजेन्द्र मनचंदा बानी

घनी-घनेरी रात में डरने वाला मैं

राजेन्द्र मनचंदा बानी

दिल में ख़ुशबू सी उतर जाती है सीने में नूर सा ढल जाता है

राजेन्द्र मनचंदा बानी

यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए

राजेन्द्र कृष्ण

मिरी दास्ताँ मुझे ही मिरा दिल सुना के रोए

राजेन्द्र कृष्ण

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.