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Collection: रास्ता Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

रास्ता Poetry

कुछ ऐसे वस्ल की रातें गुज़ारी है मैं ने

अमित सतपाल तनवर

देखे-भाले रस्ते थे

असरार ज़ैदी

मुद्दतों बा'द वो गलियाँ वो झरोके देखे

महमूद शाम

मैं रस्ते में जहाँ ठहरा हुआ था

वफ़ा नक़वी

पा-प्यादा चलता हूँ

अफ़ज़ल हज़ारवी

कल से आज तक

दौर आफ़रीदी

मुग़ल की कार

असद जाफ़री

नज़्म

अख़्तर हुसैन जाफ़री

सारा बाग़ उलझ जाता है ऐसी बे-तरतीबी से

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

बड़ी मुश्किल कहानी थी मगर अंजाम सादा है

ज़ुल्फ़िक़ार आदिल

अपनी ज़ात के सारे ख़ुफ़िया रस्ते उस पर खोल दिए

ज़ुबैर रिज़वी

हम दोनों में कोई न अपने क़ौल-ओ-क़सम का सच्चा था

ज़ुबैर रिज़वी

अभी मुझ से किसी को मोहब्बत नहीं हुई

ज़ियाउल हसन

वक़्त ही कम था फ़ैसले के लिए

ज़िया मज़कूर

जिस तरह प्यासा कोई आब-ए-रवाँ तक पहुँचे

ज़िया ज़मीर

अधूरी

ज़िया जालंधरी

उफ़्ताद तबीअत से इस हाल को हम पहुँचे

ज़िया जालंधरी

शहर के एक कुशादा घर में

ज़ेहरा निगाह

इंसाफ़

ज़ेहरा निगाह

इस उम्मीद पे रोज़ चराग़ जलाते हैं

ज़ेहरा निगाह

खिड़की के रस्ते से लाया करता हूँ

ज़ीशान साहिल

नज़्म

ज़ीशान साहिल

नज़्म

ज़ीशान साहिल

नज़्म

ज़ीशान साहिल

नज़्म

ज़ीशान साहिल

यूँ बोली थी चिड़िया ख़ाली कमरे में

ज़ीशान साहिल

इक पीली चमकीली चिड़िया काली आँख नशीली सी

ज़ेब ग़ौरी

आप को क्यूँ नहीं लगा पत्थर

ज़हरा क़रार

मिरे लोगो! मैं ख़ाली हाथ आया हूँ

ज़ाहिद मसूद

'अनीस-नागी' के नाम

ज़ाहिद मसूद

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