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Collection: रास्ता Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 37 - Darsaal

रास्ता Poetry (page 37)

दिलों की राह पर आख़िर ग़ुबार सा क्यूँ है

राही मासूम रज़ा

वक़्त के इंतिज़ार में वो है

राही फ़िदाई

कभी किसी से न हम ने कोई गिला रक्खा

इरफ़ान सत्तार

चुप है आग़ाज़ में, फिर शोर-ए-अजल पड़ता है

इरफ़ान सत्तार

ब-ज़ोम-ए-अक़्ल ये कैसा गुनाह मैं ने किया

इरफ़ान सत्तार

अब आ भी जाओ, बहुत दिन हुए मिले हुए भी

इरफ़ान सत्तार

पाबंद-ए-ग़म-ए-उल्फ़त ही रहे गो दर्द-ए-दहिंदाँ और सही

इरफ़ान अहमद मीर

हज़ार बार वो बैठा हज़ार बार उठा

इक़तिदार जावेद

अब इलाज-ए-दिल-ए-बीमार-ए-सहर हो कि न हो

इक़बाल उमर

सूरज हूँ चमकने का भी हक़ चाहिए मुझ को

इक़बाल साजिद

प्यासे के पास रात समुंदर पड़ा हुआ

इक़बाल साजिद

मूँद कर आँखें तलाश-ए-बहर-ओ-बर करने लगे

इक़बाल साजिद

ऐसे घर में रह रहा हूँ देख ले बे-शक कोई

इक़बाल साजिद

दामन-ए-दिल है तार तार अपना

इक़बाल सफ़ी पूरी

बगूलों की सफ़ें किरनों के लश्कर सामने आए

इक़बाल माहिर

वो आ रहे हैं वो जा रहे हैं मिरे तसव्वुर पे छा रहे हैं

इक़बाल हुसैन रिज़वी इक़बाल

नज़र जिन की उलझ जाती है उन की ज़ुल्फ़-ए-पेचाँ से

इक़बाल हुसैन रिज़वी इक़बाल

खोए गए तो आइने को मो'तबर किया

इक़बाल हैदर

यूँ सर-ए-राह मुलाक़ात हुई है अक्सर

इक़बाल अज़ीम

ज़ब्त भी चाहिए ज़र्फ़ भी चाहिए और मोहतात पास-ए-वफ़ा चाहिए

इक़बाल अज़ीम

मुझे अपने ज़ब्त पे नाज़ था सर-ए-बज़्म रात ये क्या हुआ

इक़बाल अज़ीम

कोई अच्छा लगे कितना ही भरोसा न करो

इक़बाल अासिफ़

दुनिया से कौन जाता है अपनी ख़ुशी के साथ

इन्तिज़ार ग़ाज़ीपुरी

बैठ जाता था मैं थक कर अपने तन की छाँव में

इंतिख़ाब अालम

न छेड़ ऐ निकहत-ए-बाद-ए-बहारी राह लग अपनी

इंशा अल्लाह ख़ान

ज़िन्हार हिम्मत अपने से हरगिज़ न हारिए

इंशा अल्लाह ख़ान

ज़मीं से उट्ठी है या चर्ख़ पर से उतरी है

इंशा अल्लाह ख़ान

ये जो मुझ से और जुनूँ से याँ बड़ी जंग होती है देर से

इंशा अल्लाह ख़ान

तफ़ज़्जुलात नहीं लुत्फ़ की निगाह नहीं

इंशा अल्लाह ख़ान

कमर बाँधे हुए चलने को याँ सब यार बैठे हैं

इंशा अल्लाह ख़ान

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