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Collection: प्रकार Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

प्रकार Poetry

कहानी ओढ़ ली मैं ने

फ़ाख़िरा बतूल

कल से आज तक

दौर आफ़रीदी

यूँ तो मुसहफ़ भी उठाए गए क़समें भी मगर

ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क

मेरे गिर्या से न आज़ार उठाने से हुआ

ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क

रात का हुस्न भला कब वो समझता होगा

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

कुछ न कुछ रंज वो दे जाते हैं आते जाते

ज़हीर देहलवी

शब-ए-फ़िराक़ न काटे कटे है क्या कीजे

वलीउल्लाह मुहिब

रग-ए-जाँ में समा जाती हो जानाँ

सुबहान असद

वो झंकार पैदा है तार-ए-नफ़स में

शेर सिंह नाज़ देहलवी

गईं यारों से वो अगली मुलाक़ातों की सब रस्में

ज़ौक़

बे-नंग-ओ-नाम

शाज़ तमकनत

बे-गुनाही का हर एहसास मिटा दे कोई

शमीम जयपुरी

अश्क बहाओ आह भरो फ़रियाद करो

शाद अमृतसरी

या वस्ल में रखिए मुझे या अपनी हवस में

इंशा अल्लाह ख़ान

वो चुप-चाप आँसू बहाने की रातें

फ़िराक़ गोरखपुरी

याँ होश से बे-ज़ार हुआ भी नहीं जाता

फ़ानी बदायुनी

सब कुछ झूट है लेकिन फिर भी बिल्कुल सच्चा लगता है

दीप्ति मिश्रा

तुम भी उल्टी उल्टी बातें पूछते हो

बाक़ी सिद्दीक़ी

तारे दर्द के झोंके बन कर आते हैं

बाक़ी सिद्दीक़ी

कौन भला ये कहता है ख़ुद आ के हम को मनाएँ आप

बाक़र मेहदी

वा'दे झूटे क़स्में झूटी

बक़ा बलूच

एक होने की क़स्में खाई जाएँ

अज़हर फ़राग़

कैसे दुनिया का जाएज़ा किया जाए

अज़हर फ़राग़

सदियों से अजनबी

अासिफ़ शफ़ी

मोहब्बत की नज़्म

असग़र नदीम सय्यद

वाइज़ की ज़िद से रिंदों ने रस्म-ए-जदीद की

अरशद अली ख़ान क़लक़

जानवर आदमी फ़रिश्ता ख़ुदा

अल्ताफ़ हुसैन हाली

नशात-ए-उमीद

अल्ताफ़ हुसैन हाली

उन को बुलाएँ और वो न आएँ तो क्या करें

अख़्तर शीरानी

ज़िंदगी

अहमद राही

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