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Collection: पहलू Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

पहलू Poetry

सुल्तान अख़्तर पटना के नाम

रज़ा नक़वी वाही

शहर की गलियाँ चराग़ों से भर गईं

जवाज़ जाफ़री

चाँदनी-रात में बुलाऊँ तुझे

बीना गोइंदी

असातीरी नज़्म

जवाज़ जाफ़री

दिल्ली पे क़ुर्बान

इज़हार मलीहाबादी

ज़मीन सिमट कर मेरे तलवे से आ लगी

जवाज़ जाफ़री

ख़ुद को पाने की तलब में आरज़ू उस की भी थी

ज़ुहूर नज़र

जबीं से नाख़ुन-ए-पा तक दिखाई क्यूँ नहीं देता

ज़ुबैर शिफ़ाई

हम ने पाई है उन अशआर पे भी दाद 'ज़ुबैर'

ज़ुबैर रिज़वी

शरीफ़-ज़ादा

ज़ुबैर रिज़वी

सम्तों का ज़वाल

ज़ुबैर रिज़वी

रद्द-ए-अमल

ज़ुबैर रिज़वी

पत्थर की क़बा पहने मिला जो भी मिला है

ज़ुबैर रिज़वी

दिल के तातार में यादों के अब आहू भी नहीं

ज़ुबैर रिज़वी

छोड़ कर घर की फ़ज़ा रानाइयाँ पछता गईं

ज़ुबैर रिज़वी

रेज़ा रेज़ा तिरे चेहरे पे बिखरती हुई शाम

ज़िया ज़मीर

जो रिश्तों की अजब सी ज़िम्मेदारी सर पे रक्खी है

ज़िया ज़मीर

इश्क़ जब तुझ से हुआ ज़ेहन के जुगनू जागे

ज़िया ज़मीर

शजर जलते हैं शाख़ें जल रही हैं

ज़िया जालंधरी

फ़ज़ाएँ इस क़दर बे-कल रही हैं

ज़िया जालंधरी

ये ख़्वाब सारे

ज़िया फ़ारूक़ी

ज़ेहरा ने बहुत दिन से कुछ भी नहीं लिक्खा है

ज़ेहरा निगाह

दिन तिरी याद में ढल जाता है आँसू की तरह

ज़ेब ग़ौरी

फ़िल्मी इश्क़

ज़रीफ़ जबलपूरी

घटने वाले थे जब अज़ाब मिरे

ज़हरा क़रार

घटने वाले थे जब अज़ाब मरे

ज़हरा क़रार

उसी की धुन में कहीं नक़्श पा गया है मिरा

ज़ाहिद फ़ारानी

दर्द इन दिनों यूँ चेहरा-ए-आलम पे सजा है

ज़हीर फ़तेहपूरी

तुम ने पहलू में मिरे बैठ के आफ़त ढाई

ज़हीर देहलवी

उन को हाल-ए-दिल-ए-पुर-सोज़ सुना कर उट्ठे

ज़हीर देहलवी

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