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Collection: चित्रा Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

चित्रा Poetry

क्यूँ मसाफ़त में न आए याद अपना घर मुझे

फ़ौक़ लुधियानवी

बाज़-गश्त

अर्श सिद्दीक़ी

गुल-ओ-गुलज़ार गुहर चाँद सितारे बच्चे

फ़ारूक़ इंजीनियर

ख़्वाबों ख़यालों की अप्सरा

दौर आफ़रीदी

तलाश-ए-नूर

दर्शन सिंह

ये शोर-ओ-शर तो पहले दिन से आदम-ज़ाद में है

ज़ुल्फ़िक़ार अहमद ताबिश

ख़ुद को पाने की तलब में आरज़ू उस की भी थी

ज़ुहूर नज़र

रात के पिछले पहर इक सनसनाहट सी हुई

ज़ुबैर शिफ़ाई

मा-बा'द जदीद

ज़ुबैर रिज़वी

दूसरा आदमी

ज़ुबैर रिज़वी

शफ़क़-सिफ़ात जो पैकर दिखाई देता है

ज़ुबैर रिज़वी

कोई चेहरा न सदा कोई न पैकर होगा

ज़ुबैर रिज़वी

हर क़दम सैल-ए-हवादिस से बचाया है मुझे

ज़ुबैर रिज़वी

इश्क़ जब तुझ से हुआ ज़ेहन के जुगनू जागे

ज़िया ज़मीर

चाक

ज़िया जालंधरी

मिरे जुनूँ में मिरी वफ़ा में ख़ुलूस की जब कमी मिलेगी

ज़िया फ़तेहाबादी

ये ख़्वाब सारे

ज़िया फ़ारूक़ी

बुलावा

ज़ेहरा निगाह

सूरज ने इक नज़र मिरे ज़ख़्मों पे डाल के

ज़ेब ग़ौरी

रात दमकती है रह रह कर मद्धम सी

ज़ेब ग़ौरी

नक़्श-ए-तस्वीर न वो संग का पैकर कोई

ज़ेब ग़ौरी

मुझ से ऐसे वामांदा-ए-जाँ को बिस्तर-विस्तर क्या

ज़ेब ग़ौरी

ढला न संग के पैकर में यार किस का था

ज़ेब ग़ौरी

बुझते सूरज ने लिया फिर ये सँभाला कैसा

ज़ेब ग़ौरी

अक्स-ए-फ़लक पर आईना है रौशन आब ज़ख़ीरों का

ज़ेब ग़ौरी

गुल-पोश बाम-ओ-दर हैं मगर घर में कुछ नहीं

ज़ौक़ी मुज़फ्फ़र नगरी

तू अपने जैसा अछूता ख़याल दे मुझ को

ज़रीना सानी

ये कैसा काम ऐ दस्त-ए-मसीह कर डाला

ज़मीर अतरौलवी

नज़र में कैसा मंज़र बस गया है

ज़मान कंजाही

पलकों पे तैरते हुए महशर तमाम-शुद

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

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