मिल Poetry (page 24)

वही है ख़्वाब जिसे मिल के सब ने देखा था

इफ़्तिख़ार आरिफ़

समझ रहे हैं मगर बोलने का यारा नहीं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

एक कहानी बहुत पुरानी

इफ़्तिख़ार आरिफ़

उमीद-ओ-बीम के मेहवर से हट के देखते हैं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

सितारों से भरा ये आसमाँ कैसा लगेगा

इफ़्तिख़ार आरिफ़

समझ रहे हैं मगर बोलने का यारा नहीं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है

इफ़्तिख़ार आरिफ़

वो मिल गया तो बिछड़ना पड़ेगा फिर 'ज़र्रीं'

इफ़्फ़त ज़र्रीं

रूह जिस्मों से बाहर भटकती रही

इफ़्फ़त ज़र्रीं

अगर वो मिल के बिछड़ने का हौसला रखता

इफ़्फ़त ज़र्रीं

बला नई कोई पालूँ अगर इजाज़त हो

इफ़्फ़त अब्बास

किसी के हाथ कहाँ ये ख़ज़ाना आता है

इदरीस बाबर

दिल के घुटने को इशारा समझो

इदरीस बाबर

ज़िंदगी अपनी मुसलसल चाहतों का इक सफ़र

इब्राहीम अश्क

उस की इक दुनिया हूँ मैं और मेरी इक दुनिया है वो

इब्राहीम अश्क

करें सलाम उसे तो कोई जवाब न दे

इब्राहीम अश्क

ग़लत-फ़हमी की सरहद पार कर के

इब्न-ए-मुफ़्ती

ऐ मतवालो! नाक़ों वालो!!

इब्न-ए-इंशा

'इंशा'-जी उठो अब कूच करो इस शहर में जी को लगाना क्या

इब्न-ए-इंशा

हम उन से अगर मिल बैठे हैं क्या दोश हमारा होता है

इब्न-ए-इंशा

फिर तिरा शहर तिरी राहगुज़र हो कि न हो

हुसैन ताज रिज़वी

वक़्त की आँख से कुछ ख़्वाब नए माँगता है

हुमैरा राहत

क्या क्या न ज़िंदगी के फ़साने रक़म हुए

हिमायत अली शाएर

सब कुछ खो कर मौज उड़ाना इश्क़ में सीखा

हिलाल फ़रीद

तड़प के हाल सुनाया तो आँख भर आई

हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी

फिर अँधेरी राह में कोई दिया मिल जाएगा

हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी

मुझे तेरी जुदाई का ये सदमा मार डालेगा

हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी

आरास्ता बज़्म-ए-ऐश हुई अब रिंद पिएँगे खुल खुल के

हीरा लाल फ़लक देहलवी

नज़र न आई कभी फिर वो गाँव की गोरी

हज़ीं लुधियानवी

आओ मिल बैठ कर हँसें बोलें

हज़ीं लुधियानवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.