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Collection: शब्द Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 15 - Darsaal

शब्द Poetry (page 15)

मुस्कुरा कर उन का मिलना और बिछड़ना रूठ कर

दानिश अलीगढ़ी

क्या ख़बर थी मुन्हरिफ़ अहल-ए-जहाँ हो जाएँगे

दानिश अलीगढ़ी

वही लफ़्ज़ हैं दुर्र-ए-बे-बहा मिरे वास्ते

बुशरा हाश्मी

अभी बादलों का सफ़र कहाँ मिरे मेहरबाँ

बुशरा हाश्मी

मोहब्बत नग़्मा भी है साज़ भी है

बिर्ज लाल रअना

कैसे कहें कि चार तरफ़ दायरा न था

बिमल कृष्ण अश्क

मैं अपने लफ़्ज़ यूँ बातों में ज़ाए कर नहीं सकता

भारत भूषण पन्त

लड़ाएँ आँख वो तिरछी नज़र का वार रहने दें

बेख़ुद देहलवी

मुझ को शिकस्तगी का क़लक़ देर तक रहा

बेकल उत्साही

न मेहराब-ए-हरम समझे न जाने ताक़-ए-बुत-ख़ाना

बेदम शाह वारसी

शबनम के आँसू फूल पर ये तो वही क़िस्सा हुआ

बशीर बद्र

अभी इस तरफ़ न निगाह कर मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ

बशीर बद्र

बाज़ार-ए-ज़िंदगी में जमे कैसे अपना रंग

बशर नवाज़

बहुत था ख़ौफ़ जिस का फिर वही क़िस्सा निकल आया

बशर नवाज़

दश्त-ओ-दरिया के ये उस पार कहाँ तक जाती

बाक़ी अहमदपुरी

ऐ कहकशाँ-नवाज़ मुक़द्दर उजाल दे

बाक़र नक़वी

ख़ामुशी

बाक़र मेहदी

गोडो

बाक़र मेहदी

मिरे हर लफ़्ज़ की तौक़ीर रहने के लिए है

बख़्श लाइलपूरी

कभी आँखों पे कभी सर पे बिठाए रखना

बख़्श लाइलपूरी

ज़रूरतों की हमाहमी में जो राह चलते भी टोकती है वो शाइ'री है

बद्र-ए-आलम ख़लिश

किसी ख़याल की हिद्दत से जलना चाहती हूँ

अज़रा नक़वी

लफ़्ज़ों के खेल

अज़रा अब्बास

कहें से कोई नुक़्ता आ जाए

अज़रा अब्बास

हम दोनों

अज़रा अब्बास

ए'तिराफ़

अज़रा अब्बास

एक नज़्म लिखना आसान है

अज़रा अब्बास

मुझे कल अचानक ख़याल आ गया आसमाँ खो न जाए

अज़्म बहज़ाद

सफ़र के ब'अद भी सफ़र का एहतिमाम कर रहा हूँ मैं

अज़लान शाह

मोहब्बत लफ़्ज़ तो सादा सा है लेकिन 'अज़ीज़' इस को

अज़ीज़ वारसी

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