Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_a03c3aa7797a3ba48a37fd72f0d3a06a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Collection: कोह Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

कोह Poetry

ज़मीं से ता-ब-फ़लक कोई फ़ासला भी नहीं

आरिफ़ अब्दुल मतीन

पेश हर अहद को इक तेग़ का इम्काँ क्यूँ है

अली अकबर अब्बास

वो आलम ख़्वाब का था

हारिस ख़लीक़

सुन ऐ कोह-ओ-दमन को सब्ज़ ख़िलअत बख़्शने वाले

रहरव-ए-राह-ए-ख़राबात-ए-चमन

ज़ुल्फ़िकार नक़वी

सफ़ा और सिद्क़ के बेटे

ज़ुबैर रिज़वी

हम

ज़िया जालंधरी

कैसे दुख कितनी चाह से देखा

ज़िया जालंधरी

बुलावा

ज़ेहरा निगाह

आँगन

ज़ेहरा निगाह

ये हुक्म है कि अँधेरे को रौशनी समझो

ज़ेहरा निगाह

34

ज़ीशान साहिल

तू अपने जैसा अछूता ख़याल दे मुझ को

ज़रीना सानी

वो हो कैसा ही दुबला तार बिस्तर हो नहीं सकता

ज़रीफ़ लखनवी

साक़िया मर के उठेंगे तिरे मय-ख़ाने से

ज़हीर देहलवी

ज़र्द पत्तों को हवा साथ लिए फिरती है

ज़फ़र रबाब

जो हुरूफ़ लिख गया था मिरी आरज़ू का बचपन

यूसुफ़ ज़फ़र

ज़िंदगी कोह-ए-बे-सुतूँ गोया

यज़दानी जालंधरी

देख कर ख़ुश-रंग उस गुल-पैरहन के हाथ पाँव

वज़ीर अली सबा लखनवी

बंदा अब ना-सुबूर होता है

वज़ीर अली सबा लखनवी

अश्क-उफ़्तादा नज़र आते हैं सारे दरिया

वज़ीर अली सबा लखनवी

दिन ढल चुका था और परिंदा सफ़र में था

वज़ीर आग़ा

क़तरे गिरे जो कुछ अरक़-ए-इंफ़िआ'ल के

वसीम ख़ैराबादी

मिल उस परी से क्या क्या हुआ दिल

वलीउल्लाह मुहिब

ग़म-ए-जाँ तू है अगर राहत-ए-जाँ है तू है

वलीउल्लाह मुहिब

तिरा लब देख हैवाँ याद आवे

वली मोहम्मद वली

कमर उस दिलरुबा की दिलरुबा है

वली मोहम्मद वली

आज सरसब्ज़ कोह ओ सहरा है

वली मोहम्मद वली

हुस्न की ज़बान से

वहीदुद्दीन सलीम

आरियों की पहली आमद हिन्दोस्तान में

वहीदुद्दीन सलीम

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.