सपना Poetry (page 27)
गर्द को कुदूरतों की धो न पाए हम
शहरयार
दिल में उतरेगी तो पूछेगी जुनूँ कितना है
शहरयार
बुनियाद-ए-जहाँ में कजी क्यूँ है
शहरयार
भटक गया कि मंज़िलों का वो सुराग़ पा गया
शहरयार
बहते दरियाओं में पानी की कमी देखना है
शहरयार
किताब गुमराह कर रही है
शहराम सर्मदी
कार-ए-बेहूदा
शहराम सर्मदी
ख़ला सा ठहरा हुआ है ये चार-सू कैसा
शहराम सर्मदी
हम अपने इश्क़ की बाबत कुछ एहतिमाल में हैं
शहराम सर्मदी
नींद की माती
शहनाज़ नबी
हुआ सरकश अंधेरा सख़्त-जाँ है
शहनाज़ नबी
अजीब ख़ौफ़ है जज़्बों की बे-लिबासी का
शहनाज़ नबी
ग़म मुझ से किसी तौर समेटा नहीं जाता
शहनाज़ मुज़म्मिल
रौशन आईनों में झूटे अक्स उतार गया
शहनवाज़ ज़ैदी
मिसरे के वस्त में खड़ा हूँ
शहनवाज़ ज़ैदी
किसी बंजर तख़य्युल पर किसी बे-आब रिश्ते में
शहनवाज़ ज़ैदी
जब आफ़्ताब से चेहरा छुपा रही थी हवा
शहनवाज़ ज़ैदी
हर किसी ख़्वाब के चेहरे पे लिखूँ नाम तिरा
शहनवाज़ ज़ैदी
सवाद-ए-शाम से ता-सुब्ह-ए-बे-किनार गई
शाहिदा हसन
सराब-ए-शब भी है ख़्वाब-ए-शिकस्ता-पा भी है
शाहिदा हसन
सानेहा हो के रहा चश्म का मुरझा जाना
शाहिदा हसन
मिले जो नाक़ा-ए-वहशत को सारबाँ कोई
शाहिदा हसन
लम्स आहट के हवाओं के निशाँ कुछ भी नहीं
शाहिदा हसन
चराग़-ए-शाम ही तन्हा नहीं है
शाहिदा हसन
यूँ मुझे तेरी सदा अपनी तरफ़ खींचती है
शाहिद ज़की
रात सी नींद है महताब उतारा जाए
शाहिद ज़की
बिछड़ गया था कोई ख़्वाब-ए-दिल-नशीं मुझ से
शाहिद ज़की
बस रूह सच है बाक़ी कहानी फ़रेब है
शाहिद ज़की
तारीकियों का हम थे हदफ़ देखते रहे
शाहिद मीर
मीनारों से ऊपर निकला दीवारों से पार हुआ
शाहिद मीर
Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.
Sad Poetry in Urdu, 2 Lines Poetry in Urdu, Ahmad Faraz Poetry in Urdu, Sms Poetry in Urdu, Love Poetry in Urdu, Rahat Indori Poetry, Wasi Shah Poetry in Urdu, Faiz Ahmad Faiz Poetry, Anwar Masood Poetry Funny, Funnu Poetry in Urdu, Ghazal in Urdu, Romantic Poetry in Urdu, Poetry in Urdu for Friends