काम Poetry (page 36)
तह-ए-बदन कहीं बेदार होता जाता हूँ
फ़रहत एहसास
सहरा के संगीन सफ़र में आब-रसानी कम न पड़े
फ़रहत एहसास
सब लज़्ज़तें विसाल की बेकार करते हो
फ़रहत एहसास
रक़्स-ए-इल्हाम कर रहा हूँ
फ़रहत एहसास
पुराना ज़ख़्म जिसे तजरबा ज़ियादा है
फ़रहत एहसास
पैकर-ए-अक़्ल तिरे होश ठिकाने लग जाएँ
फ़रहत एहसास
ना-क़ाबिल-ए-यक़ीं था अगरचे शुरूअ' में
फ़रहत एहसास
नंग धड़ंग मलंग तरंग में आएगा जो वही काम करेंगे
फ़रहत एहसास
मोहब्बत का सिला-कार-ए-मोहब्बत से नहीं मिलता
फ़रहत एहसास
मैं महफ़िल-बाज़ घबरा कर हुआ तन्हाई वाला
फ़रहत एहसास
लगे हुए हैं ज़माने के इंतिज़ाम में हम
फ़रहत एहसास
कुर्सी-ए-दिल पे तिरे जाते ही दर्द आ बैठे
फ़रहत एहसास
खड़ी है रात अंधेरों का अज़दहाम लगाए
फ़रहत एहसास
काबा-ए-दिल दिमाग़ का फिर से ग़ुलाम हो गया
फ़रहत एहसास
हमें जब अपना तआरुफ़ कराना पड़ता है
फ़रहत एहसास
हमें जब अपना तआरुफ़ कराना पड़ता है
फ़रहत एहसास
घर बनाने में तमाम अहल-ए-सफ़र लग गए हैं
फ़रहत एहसास
दबा पड़ा है कहीं दश्त में ख़ज़ाना मिरा
फ़रहत एहसास
बीमार हो गया हूँ शिफा-ख़ाना चाहिए
फ़रहत एहसास
औरों का सारा काम मुझे दे दिया गया
फ़रहत एहसास
अभी नहीं कि अभी महज़ इस्तिआरा बना
फ़रहत एहसास
आख़िर उस के हुस्न की मुश्किल को हल मैं ने किया
फ़रहत एहसास
कभी सहर तो कभी शाम ले गया मुझ से
फ़रहत अब्बास शाह
कभी सहर तो कभी शाम ले गया मुझ से
फ़रहत अब्बास शाह
पहुँच के हम सर-ए-मंज़िल जिन्हें भुला न सके
फ़रीद जावेद
पहुँच के हम सर-ए-मंज़िल जिन्हें भुला न सके
फ़रीद जावेद
ना-उमीदी मौत से कहती है अपना काम कर
फ़ानी बदायुनी
वो जी गया जो इश्क़ में जी से गुज़र गया
फ़ानी बदायुनी
तिरी तिरछी नज़र का तीर है मुश्किल से निकलेगा
फ़ानी बदायुनी
मुझ पे रखते हैं हश्र में इल्ज़ाम
फ़ानी बदायुनी
Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.
Sad Poetry in Urdu, 2 Lines Poetry in Urdu, Ahmad Faraz Poetry in Urdu, Sms Poetry in Urdu, Love Poetry in Urdu, Rahat Indori Poetry, Wasi Shah Poetry in Urdu, Faiz Ahmad Faiz Poetry, Anwar Masood Poetry Funny, Funnu Poetry in Urdu, Ghazal in Urdu, Romantic Poetry in Urdu, Poetry in Urdu for Friends