Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_530b2738f3ad49b906326727c7429432, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Collection: काम Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 32 - Darsaal

काम Poetry (page 32)

दुनिया को रू-शनास-ए-हक़ीक़त न कर सके

हबीब अहमद सिद्दीक़ी

फ़लाह-ए-आदमियत में सऊबत सह के मर जाना

गुलज़ार देहलवी

डाइरी

गुलज़ार

किसी की याद का चेहरा

गुलनाज़ कौसर

बग़ैर सम्त के चलना भी काम आ ही गया

गुलनार आफ़रीन

न पूछ ऐ मिरे ग़म-ख़्वार क्या तमन्ना थी

गुलनार आफ़रीन

हमारा नाम पुकारे हमारे घर आए

गुलनार आफ़रीन

यूँ तो दिल हर कदाम रखता है

ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी

ये दिल ही जल्वा-गाह है उस ख़ुश-ख़िराम का

ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी

नज़्ज़ारा-ए-रुख़-ए-साक़ी से मुझ को मस्ती है

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

क्यूँकर न ख़ुश हो सर मिरा लटक्का के दार में

गोया फ़क़ीर मोहम्मद

मुंतज़िर आँखें हैं मेरी शाम से

गोविन्द गुलशन

जब मिली उन से नज़र मिटने का सामाँ हो गया

गोर बचन सिंह दयाल मग़मूम

मोहब्बत का जिसे सौदा हुआ है

गोपाल कृष्णा शफ़क़

ठहर ठहर के मिरा इंतिज़ार करता चल

ग़ुलाम मुर्तज़ा राही

कितनी ढल गई उम्र तुम्हारी हैरत है

ग़ुलाम मोहम्मद वामिक़

करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

ज़िंदगी

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

सीना मदफ़न बन जाता है जीते जागते राज़ों का

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

मोहब्बत की गवाही अपने होने की ख़बर ले जा

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

बग़ैर उस के अब आराम भी नहीं आता

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

आँख से बिछड़े काजल को तहरीर बनाने वाले

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

जो कहता है वो करता है बर-अक्स उस के काम

ग़ुलाम मौला क़लक़

वही वा'दा है वही आरज़ू वही अपनी उम्र-ए-तमाम है

ग़ुलाम मौला क़लक़

तेरे वादे का इख़्तिताम नहीं

ग़ुलाम मौला क़लक़

तेरे दर पर मक़ाम रखते हैं

ग़ुलाम मौला क़लक़

रिश्ता-ए-रस्म-ए-मोहब्बत मत तोड़

ग़ुलाम मौला क़लक़

ख़ुशी में भी नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ हूँ

ग़ुलाम मौला क़लक़

हम तो याँ मरते हैं वाँ उस को ख़बर कुछ भी नहीं

ग़ुलाम मौला क़लक़

ये सच है मिल बैठने की हद तक तो काम आई है ख़ुश-गुमानी

ग़ुलाम हुसैन साजिद

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.