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Collection: जीवन Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

जीवन Poetry

जवाँ होता बुढ़ापा

ममता तिवारी

दूर किनारा

मीराजी

दीपक-राग है चाहत अपनी काहे सुनाएँ तुम्हें

ज़ुहूर नज़र

नज़्म

ज़ीशान साहिल

नज़्म

ज़ीशान साहिल

तुम क्या साहब और तुम्हारी बात है क्या

ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर

बीमार लड़का

ज़ाहिद डार

ख़ून-ए-जिगर आँखों से बहाया ग़म का सहरा पार किया

ज़फ़र अनवर

जैब ओ गरेबाँ टुकड़े टुकड़े दामन को भी तार किया

ज़फ़र अनवर

वैसे तो थे यार बहुत पर किसी ने मुझे पहचाना था

यूसुफ़ तक़ी

गिले शिकवे के दफ़्तर आ गए तुम

वजीह सानी

जाने कितना जीवन पीछे छूट गया अनजाने में

विश्वनाथ दर्द

बारा चाँद गए पूनम के प्यार भरा इक सावन भी

विजय शर्मा अर्श

हम से पहले भी इस जग में पीत हुई है मन टूटे हैं

तुफ़ैल दारा

रेशम रेशम तितली देखूँ ख़्वाब-नगर की वादी में

ताैफ़ीक़ साग़र

सूरज सारा शहर डराता रहता है

तनवीर अंजुम

भूली-बिसरी रात

तख़्त सिंह

अब के बरस होंटों से मेरे तिश्ना-लबी भी ख़त्म हुइ

ताहिर फ़राज़

हम ने कितने धोके में सब जीवन की बर्बादी की

सय्यद ज़मीर जाफ़री

चुनाव

सुबोध लाल साक़ी

एक इक क़तरा जोड़ कर रक्खा

सोनरूपा विशाल

तिरे आँगन में है जो पेड़ फूलों से लदा होगा

शोभा कुक्कल

लगता है जिस का रुख़-ए-ज़ेबा मह-ए-कामिल मुझे

शाहिद ग़ाज़ी

आधा जीवन बीता आहें भरने में

शबनम रूमानी

नज़्म

शबनम अशाई

कोई सच्चे ख़्वाब दिखाता है पर जाने कौन दिखाता है

सलीम कौसर

इस आलम-ए-हैरत-ओ-इबरत में कुछ भी तो सराब नहीं होता

सलीम कौसर

धुआँ

सलाम मछली शहरी

आज फिर ये कह रहा हूँ

सलाम मछली शहरी

फेरी वाला

सज्जाद बाक़र रिज़वी

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