गुल Poetry (page 78)

जब भी आँखों में तिरे वस्ल का लम्हा चमका

अमजद इस्लाम अमजद

ग़ुबार-ए-दश्त-ए-तलब में हैं रफ़्तगाँ क्या क्या

अमजद इस्लाम अमजद

दिमाग़ दे जो ख़ुदा गुलशन-ए-मोहब्बत में

अमीरुल्लाह तस्लीम

थक गए तुम हसरत-ए-ज़ौक़-ए-शहादत कम नहीं

अमीरुल्लाह तस्लीम

शमीम-ए-यार न जब तक चमन में छू आए

अमीरुल्लाह तस्लीम

कहने सुनने से मिरी उन की अदावत हो गई

अमीरुल्लाह तस्लीम

गर यही है आदत-ए-तकरार हँसते बोलते

अमीरुल्लाह तस्लीम

दरपेश तो हैं दीदा-ए-हैरान हज़ारों

आमिर नज़र

तेरी इनायतों का अजब रंग ढंग था

अमीर हम्ज़ा साक़िब

ताब खो बैठा हर इक जौहर-ए-ख़ाकी मेरा

अमीर हम्ज़ा साक़िब

सबा बनाते हैं ग़ुंचा-दहन बनाते हैं

अमीर हम्ज़ा साक़िब

मिरी मजबूरियों ने नाज़ुकी का ख़ून कर डाला

अमीरुल इस्लाम हाशमी

किया करते हैं दिलदारी दिल-आज़ारी नहीं करते

अमीरुल इस्लाम हाशमी

ब-मजबूरी हर इक रंज-ओ-मेहन लिखना पड़ा मुझ को

अमीरुल इस्लाम हाशमी

शाख़ों से बर्ग-ए-गुल नहीं झड़ते हैं बाग़ में

अमीर मीनाई

जिस ग़ुंचा-लब को छेड़ दिया ख़ंदा-ज़न हुआ

अमीर मीनाई

वस्ल की शब भी ख़फ़ा वो बुत-ए-मग़रूर रहा

अमीर मीनाई

पूछा न जाएगा जो वतन से निकल गया

अमीर मीनाई

फूलों में अगर है बू तुम्हारी

अमीर मीनाई

जब से बाँधा है तसव्वुर उस रुख़-ए-पुर-नूर का

अमीर मीनाई

हम-सर-ए-ज़ुल्फ़ क़द-ए-हूर-ए-शमाइल ठहरा

अमीर मीनाई

मैं हवा हूँ कहाँ वतन मेरा

अमीक़ हनफ़ी

मंज़िल-ए-शम्स-ओ-क़मर से गुज़रे

अमीन राहत चुग़ताई

हमीं थे जान-ए-बहाराँ हमीं थे रंग-ए-तरब

अमीन राहत चुग़ताई

देख कोह-ए-ना-रसा बन कर भरम रक्खा तिरा

अमीन राहत चुग़ताई

जब अश्कों में सदाएँ ढल रही थीं

अम्बरीन सलाहुद्दीन

अयाँ दोनों से तक्मील-ए-जहाँ है

अंबरीन हसीब अंबर

हम ख़्वाब-ज़दा

अम्बर बहराईची

हँसते हुए चेहरे में कोई शाम छुपी थी

अम्बर बहराईची

गर्दिश का इक लम्हा यूँ बेबाक हुआ

अम्बर बहराईची

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.