गुल Poetry (page 60)

वही में हूँ वही ख़ाली मकाँ है

फ़ारूक़ नाज़की

वही मैं हूँ वही ख़ाली मकाँ है

फ़ारूक़ नाज़की

तोहमत-ए-सैर-ए-चमन हम पे लगी क्या न हुआ

फ़ारूक़ नाज़की

रंग ख़ाके में नया भर दूँगा मैं

फ़ारूक़ नाज़की

पूरे क़द से मैं खड़ा हूँ सामने आएगा क्या

फ़ारूक़ नाज़की

नई बासी कोई ख़बर दे दे

फ़ारूक़ नाज़की

मेरे चेहरे की स्याही का पता दे कोई

फ़ारूक़ नाज़की

अपनी ग़ज़ल को ख़ून का सैलाब ले गया

फ़ारूक़ नाज़की

नज़्म

फ़ारूक़ मुज़्तर

हर नए मोड़ धूप का सहरा

फ़ारूक़ मुज़्तर

दिल नहीं मिलने का फिर मेरा सितमगर टूट कर

फ़रोग़ हैदराबादी

तेरी ख़ातिर ये फ़ुसूँ हम ने जगा रक्खा है

फ़ारिग़ बुख़ारी

हवास लूट लिए शोरिश-ए-तमन्ना ने

फ़ारिग़ बुख़ारी

मैं अपने-आप से बरहम था वो ख़फ़ा मुझ से

फ़रहत शहज़ाद

जितने लोग नज़र आते हैं सब के सब बेगाने हैं

फ़रहत क़ादरी

वस्ल के लम्हे कहानी हो गए

फ़रहत कानपुरी

हिज्र ओ विसाल चराग़ हैं दोनों तन्हाई के ताक़ों में

फ़रहत एहसास

दुनिया को कहाँ तक जाना है

फ़रहत एहसास

तन्हाई के आब-ए-रवाँ के साहिल पर बैठा हूँ मैं

फ़रहत एहसास

मैं तमाम गर्द-ओ-ग़ुबार हूँ मुझे मेरी सूरत-ए-हाल दे

फ़रहत एहसास

मैं अपने रू-ए-हक़ीक़त को खो नहीं सकता

फ़रहत एहसास

महफ़िल में अब के आओ तो ऐसी ख़ता न हो

फ़रहत एहसास

कैसी बला-ए-जाँ है ये मुझ को बदन किए हुए

फ़रहत एहसास

हम को बरा-ए-दुनिया बे-जान कर दिया है

फ़रहत एहसास

बे-रंग बड़े शहर की हस्ती भी वहीं थी

फ़रहत एहसास

गर दुआ भी कोई चीज़ है तो दुआ के हवाले किया

फ़रहत अब्बास शाह

शहर-दर-शहर दीदा-वर भटके

फ़रहत अब्बास

शौक़ का सिलसिला बे-कराँ है

फ़रीद जावेद

न ग़ुरूर है ख़िरद को न जुनूँ में बाँकपन है

फ़रीद जावेद

न ग़ुरूर है ख़िरद को न जुनूँ में बाँकपन है

फ़रीद जावेद

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.