घर Poetry (page 94)
कितना अजीब शब का ये मंज़र लगा मुझे
बिस्मिल आग़ाई
उसे छत पर खड़े देखा था मैं ने
बिमल कृष्ण अश्क
ऐसा हुआ कि घर से न निकला तमाम दिन
बिमल कृष्ण अश्क
नज़्म
बिमल कृष्ण अश्क
किधर जाऊँ कहीं रस्ता नहीं है
बिमल कृष्ण अश्क
चाँद को रेशमी बादल से उलझता देखूँ
बिमल कृष्ण अश्क
ऐसे में रोज़ रोज़ कोई ढूँडता मुझे
बिमल कृष्ण अश्क
यही इक मश्ग़ला शाम-ओ-सहर है
बिल्क़ीस बेगम
दर बदर की ख़ाक थी तक़दीर में
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
शाम से हम ता सहर चलते रहे
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
कोई आहट कोई सरगोशी सदा कुछ भी नहीं
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
किस ने कहा किसी का कहा तुम किया करो
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
कब एक रंग में दुनिया का हाल ठहरा है
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
जीना है ख़ूब औरों की ख़ातिर जिया करो
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
देता था जो साया वो शजर काट रहा है
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
बे-तअल्लुक़ सारे रिश्ते कौन किस का आश्ना
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
सौ सदियों का नौहा है
बिल्क़ीस ख़ान
मुसाफ़िरों का यहाँ से गुज़र नहीं है क्या
बिल्क़ीस ख़ान
मेरी एक बुरी आदत थी
बिलाल अहमद
ये क्या कि रोज़ पहुँच जाता हूँ मैं घर अपने
भारत भूषण पन्त
सबब ख़ामोशियों का मैं नहीं था
भारत भूषण पन्त
वो चुप था दीदा-ए-नम बोलते थे
भारत भूषण पन्त
सवाब है या किसी जनम का हिसाब कोई चुका रहा हूँ
भारत भूषण पन्त
सच्चाइयों को बर-सर-ए-पैकार छोड़ कर
भारत भूषण पन्त
रिश्तों के जब तार उलझने लगते हैं
भारत भूषण पन्त
मिरी ही बात सुनती है मुझी से बात करती है
भारत भूषण पन्त
लाख टकराते फिरें हम सर दर-ओ-दीवार से
भारत भूषण पन्त
किसी भी सम्त निकलूँ मेरा पीछा रोज़ होता है
भारत भूषण पन्त
कहीं जैसे मैं कोई चीज़ रख कर भूल जाता हूँ
भारत भूषण पन्त
कब तक गर्दिश में रहना है कुछ तो बता अय्याम मुझे
भारत भूषण पन्त
Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.
Sad Poetry in Urdu, 2 Lines Poetry in Urdu, Ahmad Faraz Poetry in Urdu, Sms Poetry in Urdu, Love Poetry in Urdu, Rahat Indori Poetry, Wasi Shah Poetry in Urdu, Faiz Ahmad Faiz Poetry, Anwar Masood Poetry Funny, Funnu Poetry in Urdu, Ghazal in Urdu, Romantic Poetry in Urdu, Poetry in Urdu for Friends