Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_dd2ac37b848022a89daec8668d4ec2b2, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Collection: दिया Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 53 - Darsaal

दिया Poetry (page 53)

सोते हैं वो आईना ले कर ख़्वाबों में बाल बनाते हैं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

सब रंग ना-तमाम हों हल्का लिबास हो

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

रात उस के सामने मेरे सिवा भी मैं ही था

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

हम ने तो बे-शुमार बहाने बनाए हैं

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

बारूद के बदले हाथों में आ जाए किताब तो अच्छा हो

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

बग़ैर उस के अब आराम भी नहीं आता

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

तुझे कल ही से नहीं बे-कली न कुछ आज ही से रहा क़लक़

ग़ुलाम मौला क़लक़

क्या कहें तुझ से हम वफ़ा क्या है

ग़ुलाम मौला क़लक़

कहिए क्या और फ़ैसले की बात

ग़ुलाम मौला क़लक़

आए क्या तेरा तसव्वुर ध्यान में

ग़ुलाम मौला क़लक़

नुमूद पाते हैं मंज़रों की शिकस्त से फ़तह के बहाने

ग़ुलाम हुसैन साजिद

दस्त-ए-राहत ने कभी रँज-ए-गिराँ-बारी ने

ग़ुलाम हुसैन साजिद

चराग़ की ओट में है मेहराब पर सितारा

ग़ुलाम हुसैन साजिद

मुझे किस तरह से न हो यक़ीं कि उसे ख़िज़ाँ से गुरेज़ है

ग़ुबार भट्टी

अजब इंक़लाब का दौर है कि हर एक सम्त फ़िशार है

ग़ुबार भट्टी

सुख़न का लहजा गुमान-ख़ाने में रह गया है

ग़ज़नफ़र हाशमी

ज़ेहन के ख़ानों में जाने वक़्त ने क्या भर दिया

ग़ज़नफ़र

यक़ीन जानिए इस में कोई करामत है

ग़ज़नफ़र

तेज़ होती जा रही है किस लिए धड़कन मिरी

ग़ज़नफ़र

किसी के नर्म तख़ातुब पे यूँ लगा मुझ को

ग़ज़नफ़र

अपनी नज़र में भी तो वो अपना नहीं रहा

ग़ज़नफ़र

ज़मीं के साथ फ़लक के सफ़र में हम भी हैं

ग़यास मतीन

मुख़्तसर सी बात को भी मसअला कहते रहे

ग़ौसिया ख़ान सबीन

इक सर्द-जंग का है असर मेरे ख़ून में

ग़ौसिया ख़ान सबीन

चल दिया नाज़ ज़माने के उठाने वाला

ग़ौसिया ख़ान सबीन

आँखों में हया रख के भी बेबाक बहुत थे

ग़ौसिया ख़ान सबीन

ग़ुरूर-ए-नाज़ दिखा तुझ में कितना जौहर है

ग़ौस मोहम्मद ग़ौसी

तुम्हें ख़बर भी है ये तुम ने किस से क्या माँगा

ग़नी एजाज़

जुनूँ में देर से ख़ुद को पुकारता हूँ मैं

ग़नी एजाज़

उस शो'ला-रू से जब से मिरी आँख जा लगी

ग़मगीन देहलवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.