देख Poetry (page 15)
ख़ुदा क़हक़हा लगाता है
सिदरा सहर इमरान
बा-इज़्ज़त तरीक़े से जीने के जतन
सिदरा सहर इमरान
अजीब धुँद है आँखों को सूझता भी नहीं
सिद्दीक़ मुजीबी
सहर को धुँद का ख़ेमा जला था
सिद्दीक़ अफ़ग़ानी
जब ध्यान में वो चाँद सा पैकर उतर गया
सिद्दीक़ अफ़ग़ानी
ग़ाज़ा तो तिरा उतर गया था
सिद्दीक़ अफ़ग़ानी
शहर सहरा है घर बयाबाँ है
सिद्दीक़ शाहिद
निकाल लाया है घर से ख़याल का क्या हो
सिद्दीक़ शाहिद
न देखा जामा-ए-ख़ुद-रफ़्तगी उतार के भी
सिद्दीक़ शाहिद
ज़िंदगी गुलशन में भी दुश्वार है तेरे बग़ैर
बाबू सि द्दीक़ निज़ामी
मुद्दतों में घर हमारे आज यार आ ही गया
बाबू सि द्दीक़ निज़ामी
मल्बूस जब हवा ने बदन से चुरा लिए
सिब्त अली सबा
सू-ए-सहरा ही मुझे ले गई वहशत मेरी
श्याम सुंदर लाल बर्क़
जाता है यार सैर को गुलज़ार की तरफ़
शऊर बलगिरामी
मैं किसी की रात का तन्हा चराग़
शुमाइला बहज़ाद
हूर हो या कोई परी हो तुम
शुजाअत इक़बाल
कहाँ कहाँ है ख़ुदा जाने राब्ता दिल का
शुजा ख़ावर
दश्त को जा तो रहे हो सोच लो कैसा लगेगा
शुजा ख़ावर
सहरा में कड़ी धूप का डर होते हुए भी
शोज़ेब काशिर
हिज्र ओ विसाल
शोरिश काश्मीरी
ज़ख़्म-ए-दिल अब फूल बन कर खिल गया
शोला हस्पानवी
कुछ हश्र से कम गर्मी-ए-बाज़ार नहीं है
शोहरत बुख़ारी
जाने क्या बात है मानूस बहुत लगता है
शोहरत बुख़ारी
अपनों से मुरव्वत का तक़ाज़ा नहीं करते
शोहरत बुख़ारी
काटे हैं दिन हयात के लाचार की तरह
शोभा कुक्कल
तेरा चेहरा देख के हर शब सुब्ह दोबारा लिखती है
शोएब निज़ाम
दुनिया से दुनिया में रह कर कैसे किनारा कर रक्खा है
शोएब निज़ाम
अब्र का टुकड़ा कोई बाला-ए-बाम आता हुआ
शोएब निज़ाम
जब तिरा आसरा नहीं मिलता
शिव रतन लाल बर्क़ पूंछवी
नज़र बहार न देखे तो बे-क़रार न हो
शिव दयाल सहाब
Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.
Sad Poetry in Urdu, 2 Lines Poetry in Urdu, Ahmad Faraz Poetry in Urdu, Sms Poetry in Urdu, Love Poetry in Urdu, Rahat Indori Poetry, Wasi Shah Poetry in Urdu, Faiz Ahmad Faiz Poetry, Anwar Masood Poetry Funny, Funnu Poetry in Urdu, Ghazal in Urdu, Romantic Poetry in Urdu, Poetry in Urdu for Friends