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Collection: दर्द Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 52 - Darsaal

दर्द Poetry (page 52)

तूफ़ाँ से बच के दामन-ए-साहिल में रह गया

फ़िगार उन्नावी

किसी अपने से होती है न बेगाने से होती है

फ़िगार उन्नावी

ग़म-ए-जानाँ से रंगीं और कोई ग़म नहीं होता

फ़िगार उन्नावी

अहल-ए-हुनर के दिल में धड़कते हैं सब के दिल

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली

तामीर-ए-नौ क़ज़ा-ओ-क़दर की नज़र में है

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली

बहार आई गुल-अफ़्शानी के दिन हैं

फ़ज़्ल अहमद करीम फ़ज़ली

शौक़ीन मिज़ाजों के रंगीन तबीअ'त के

फ़ाज़िल जमीली

ख़ुमार-ए-शब में तिरा नाम लब पे आया क्यूँ

फ़ाज़िल जमीली

तोहफ़ा-ए-ग़म भी मिला दर्द की सौग़ात के बा'द

फ़ाज़िल अंसारी

न सनम-कदों की है जुस्तुजू न ख़ुदा के घर की तलाश है

फ़ाज़िल अंसारी

गुलज़ार में एक फूल भी ख़ंदाँ तो नहीं है

फ़ाज़िल अंसारी

ऐ कहकशाँ गुज़र के तिरी रहगुज़र से हम

फ़ाज़िल अंसारी

इधर भी देख ज़रा बे-क़रार हम भी हैं

फ़ज़ल हुसैन साबिर

लहू हमारी जबीं का किसी के चेहरे पर

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

जुरअत-ए-इज़हार से रोकेगी क्या

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

ग़ज़ल के पर्दे में बे-पर्दा ख़्वाहिशें लिखना

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

आह को बाद-ए-सबा दर्द को ख़ुशबू लिखना

फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी

इश्क़ झेला है तो चेहरा ज़र्द होना चाहिए

फ़े सीन एजाज़

ठेस कुछ ऐसी लगी है कि बिखरना है उसे

फ़ातिमा हसन

रुका जवाब की ख़ातिर न कुछ सवाल किया

फ़ातिमा हसन

रूह की माँग है वो जिस्म का सामान नहीं

फ़ातिमा हसन

ख़्वाब गिरवी रख दिए आँखों का सौदा कर दिया

फ़ातिमा हसन

कौन ख़्वाहिश करे कि और जिए

फ़ातिमा हसन

दर-ए-फ़क़ीर पे जो आए वो दुआ ले जाए

फ़रताश सय्यद

अबस ही महव-ए-शब-ओ-रोज़ वो दुआ में था

फ़र्रुख़ जाफ़री

सिलसिले ख़्वाब के अश्कों से सँवरते कब हैं

फ़ारूक़ शमीम

मैं तो लम्हात की साज़िश का निशाना ठहरा

फ़ारूक़ शमीम

दुनिया क्या है बर्फ़ की इक अलमारी है

फ़ारूक़ शफ़क़

सब्ज़ आग़ाज़ से सुर्ख़ अंजाम तक

फ़ारूक़ मुज़्तर

जो रहा यूँ ही सलामत मिरा जज़्ब-ए-वालहाना

फ़ारूक़ बाँसपारी

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