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Collection: चाँद Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 33 - Darsaal

चाँद Poetry (page 33)

हर शय मुसाफ़िर हर चीज़ राही

अल्लामा इक़बाल

साक़ी-नामा

अल्लामा इक़बाल

मोहब्बत

अल्लामा इक़बाल

या रब ये जहान-ए-गुज़राँ ख़ूब है लेकिन

अल्लामा इक़बाल

हर शय मुसाफ़िर हर चीज़ राही

अल्लामा इक़बाल

हर चीज़ है महव-ए-ख़ुद-नुमाई

अल्लामा इक़बाल

लगा कर इश्क़ का कजरा नयन को

अलीमुल्लाह

तीन शराबी

अली सरदार जाफ़री

सर-ए-तूर

अली सरदार जाफ़री

प्यास भी एक समंदर है

अली सरदार जाफ़री

नींद

अली सरदार जाफ़री

मेरे ख़्वाब

अली सरदार जाफ़री

दोस्ती का हाथ

अली सरदार जाफ़री

चाँद को रुख़्सत कर दो

अली सरदार जाफ़री

वो मिरी दोस्त वो हमदर्द वो ग़म-ख़्वार आँखें

अली सरदार जाफ़री

शाख़-ए-गुल है कि ये तलवार खिंची है यारो

अली सरदार जाफ़री

दिल की आग जवानी के रुख़्सारों को दहकाए है

अली सरदार जाफ़री

बारिश के घनघोर हवाले गिनता रहता हूँ

अली इमरान

क़ैद-ख़ाने की हवा में शोर है आलाम का

अली अकबर नातिक़

दिल के दाग़ में सीसा है और ज़ख़्म-ए-जिगर में ताँबा है

अली अकबर नातिक़

ज़रा हटे तो वो मेहवर से टूट कर ही रहे

अली अकबर अब्बास

वरक़ है मेरे सहीफ़े का आसमाँ क्या है

अली अब्बास उम्मीद

तिरे चाँद जैसे रुख़ पर ये निशान-ए-दर्द क्यूँ हैं

अलीम उस्मानी

घबराएँ हवादिस से क्या हम जीने के सहारे निकलेंगे

अलीम मसरूर

सफ़र में राह के आशोब से न डर जाना

आलमताब तिश्ना

सफ़र में राह के आशोब से न डर जाना

आलमताब तिश्ना

असीर-ए-दश्त-ए-बला का न माजरा कहना

आलमताब तिश्ना

दश्त को ढूँडने निकलूँ तो जज़ीरा निकले

अकरम नक़्क़ाश

गुज़रते दौड़ते लम्हे हिसाब में लिखिए

अकमल इमाम

तर्ग़ीब और उस के ब'अद

अख़्तर-उल-ईमान

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